Tuesday, 3 January 2017

जो तुमने पलकें झुकाये राखी तो फिर हमारा कसूर क्या है |खूबसूरत मुशायरा |

जो तुमने पलकें झुकाये राखी तो फिर हमारा कसूर क्या है |खूबसूरत मुशायरा |

No comments:

Post a Comment